
विधानसभा के दूसरे व अंतिम दिन बुधवार को सदन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती चार महीनों के लिए 21,116.81 करोड़ का लेखानुदान को स्वीकृति दी। नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती चार महीनों यानी जुलाई महीने तक राज्य के खर्चों की पूर्ति के लिए सरकार ने बीते रोज विधानसभा के पटल पर लेखानुदान प्रस्तुत किया था।लेखानुदान में राजस्व व्यय में 16,007.63 करोड़ और पूंजीगत व्यय के अंतर्गत 5109.18 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।बुधवार शाम सदन में लेखानुदान को चर्चा एवं मतदान के बाद पारित किया गया। विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि लेखानुदान के अंतर्गत 30 अनुदान मांगों के लिए वित्तीय व्यवस्था की गई। केंद्रपोषित योजनाओं के मद में 3715 करोड़, बाह्य सहायतित परियोजनाओं के मद में 593 करोड़, नाबार्ड सहायतित योजनाओं के लिए 270 करोड़ की राशि रखी गई है।
वचनबद्ध व्यय में वेतन और भत्तों के अंतर्गत 5796 करोड़, पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभ पर 2229 करोड़ की राशि खर्च होगी।
राजपुर रोड क्षेत्र से विधायक खजानदास ने मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए अविलंब कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।
विधायक खजानदास ने कहा कि मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की मांग लंबे समय से उठ रही है। सरकार ने 17 अक्टूबर 2018 को मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए तीन वर्ष तक स्थायी समाधान निकालने की समय सीमा तय की थी। पिछले वर्ष इस सीमा को वर्ष 2024 तक बढ़ाया गया।
विधायक दुर्गेश्वरलाल ने पुरोला विधानसभा क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक न होने का मामला रखा। उन्होंने मांग की कि अस्पताल में महिला चिकित्सक की नियुक्ति के साथ ही ब्लड बैंक की स्थापना की जाए।विधायक प्रमोद नैनवाल ने रानीखेत-मोहंड मार्ग के सुधारीकरण, विधायक फुरकान अहमद ने पिरान कलियर में गंगनहर पर स्थित पुल की मरम्मत कराने, विधायक भुवन कापड़ी ने खटीमा के 245 राज्य निर्माण आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण करने, विधायक विक्रम नेगी ने डोबरा चांटी पुल से लंबगांव मार्ग को डबल लेन में बदलने संबंधी मांगे रखीं।