मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को कोई शरणगाह न समझे। यह किसी की शरणस्थली नहीं है। कई बार देखने में आया है कि बाहर से आकर लोग यहां कई तरह की गतिविधियों को अंजाम देते है। इसी तरह के तत्वों का पता लगाने के लिए गुरुवार से सत्यापन अभियान शुरू किया गया है। गुरुवार को प्रदेश में 2732 लोगों का सत्यापन किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों के लिए सामान नागरिक संहिता को भी जल्द लागू किया जाएगा।
गुरुवार को प्रदेश में सत्यापन अभियान शुरू करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड शांत प्रदेश है। यह भौगोलिक, सामरिक, धार्मिक या आध्यात्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से विशिष्टता लिया हुआ प्रदेश है। यहां की विशिष्टता बनी रहनी चाहिए, शांति बनी रहनी चाहिए। यह देखने में आया है कि यहां का जनसंख्या घनत्व बढ़ रहा है। अनावश्यक रूप से गतिविधियां बढ़ रही हैं। कई बार बाद में पता चलता है कि ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने वाला राज्य के बाहर से आया है और पहले भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है।उन्होंने कहा कि कोई भी उत्तराखंड को शरणगाह न समझे। यह शरणास्थली नहीं है। यह अपराधियों के आराम करने का स्थल नहीं कि कुछ दिन बिताकर चले गए। इसीलिए यह सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर गुरुवार से सत्यापन अभियान शुरू हो गया। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि यह अभियान घर-घर चलाया जाएगा। ठेली-रेहड़ी वाले व बाहर से आने वाले मजदूरों व कार्मिकों का भी सत्यापन किया जाएगा।इसके लिए उनके आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज जांचे जाएंगे। जिसके पास दस्तावेज नहीं पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लगता है तो उसके संबंध में सारी जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी जिले सत्यापन से संबंधित रिपोर्ट प्रतिदिन मुख्यालय भेजेंगे। मकान मालिक भी यदि बिना सत्यापन किरायेदार रखते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से यह रिपोर्ट एकत्र होनी शुरू हो जाएगी।