प्रदेश में बिजली का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में तमाम प्रयास के बावजूद ऊर्जा निगम आपूर्ति सुचारू नहीं रख पा रहा। आज भी प्रदेश में मांग के सापेक्ष ढाई मिलियन यूनिट (एमयू) से अधिक बिजली की कमी का अनुमान है। ऐसे में ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में कटौती जारी रह सकती है।भीषण गर्मी के बीच प्रदेश में अप्रैल में ही बिजली की मांग प्रतिदिन 47 मिलियन यूनिट से अधिक पहुंच गई है, जो सामान्यत: मई-जून में होती है। ऐसे में मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता नहीं होने के कारण ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में नियमित कटौती की जा रही है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से बाजार से बिजली खरीद अधिक किए जाने के कारण कटौती में थोड़ी राहत मिली है।पहले जहां प्रतिदिन चार से छह घंटे कटौती की जा रही थी, वह अब घटकर दो से तीन घंटे हो गई है। ऊर्जा निगम का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में बिल्कुल भी कटौती नहीं करने का प्रयास किया जा रहा है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कोयले के दाम में वृद्धि के कारण बाजार में बिजली महंगी हो गई है। जबकि, गर्मी बढऩे से बिजली की मांग खासी बढ़ गई है।
Related Articles
Check Also
Close