संस्कृत छात्र सेवा समिति ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात कर उत्तराखंड संस्कृत निदेशालय तथा संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालयों को हरिद्वार शिफ्ट किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने देहरादून में निदेशालय के लिए आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटाकर संस्थानों के भवन बनाने की मांग की है।
मंगलवार को समिति के प्रतिनिधिमंडल ने देहरादून स्थित कैंप कार्यालय में मुलाकात के दौरान निशंक को बताया कि निदेशालय गठन के समय संस्कृत निदेशालय व संस्कृत शिक्षा परिषद देहरादून में ही रखने के आदेश जारी किए गए थे। जिसके लिए निदेशालय के भवन हेतु भूमि भी आवंटित की गई थी। मगर अब सचिव का कहना है कि इन कार्यालयों को हरिद्वार भेजे जाने से राज्य की मितव्ययता घटेगी। जबकि यह नही सोचा जा रहा कि जो निदेशक व सचिव सिर्फ संस्कृत शिक्षा के नही माध्यमिक शिक्षाओं में भी संयुक्त पदों पर दो जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं, उनका प्रतिदिन हरिद्वार आने जाने में ही कितना खर्च बढेगा, जिससे सरकार की मितव्ययता और ज्यादा बढ़ेगी।