केदारनाथ में दर्शन करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। हालांकि धाम में मौमस पहले की तुलना में काफी अच्छा हो गया है। तापमान में भी बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा अब तक के इतिहास में सबसे अधिक हो गया है।
केदारनाथ में वर्ष 2012 में 72 यात्रियों की मौत हुई थी, यह आकंडा छह महीने के दौरान केदारनाथ यात्रा का है। लेकिन इस वर्ष मात्र एक महीने व एक सप्ताह ही यात्रा संचालित हुई है, और मरने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 75 पहुंच गई है। वहीं ऋषिकेश समेत चारों धाम में अब तक 164 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।रविवार को 62 वर्षीय राजकीमारी देवी, निवासी प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश की अचानक तबियत खराब होने पर मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीके शुक्ला ने बताया कि श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग तत्परता से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उपचार कर रहा है। जिसके लिए यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक डाक्टरों की तैनाती की गई है, जिनके द्वारा ओपीडी के माध्यम से श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया जा रहा है।बताया कि रविवार को कुल 1767 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार कराया गया, जिसमें 1366 पुरुष तथा 401 महिलाएं शामिल हैं। अब तक ओपीडी के माध्यम से 72636 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया है। जिसमें 52334 पुरुष तथा 20302 महिला शामिल हैं तथा रविवार को100 यात्रियों को आक्सीजन उपलब्ध कराया गया। अब तक 3425 यात्रियों को आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है।