
उत्तराखंड में बरसात के मौसम में पहाड़ों पर सफर करना खतरनाक हो जाता है। पहाड़ी से कहीं बोल्डर गिरते हैं, तो कहीं भूस्खलन से पूरी सड़क ही टूट जाती है।
टिहरी में ग्रामीणों ने खुद हटाए सड़क पर आए पत्थर
टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में पिछले दिनों हो रही लगातार वर्षा क्षेत्रवासियों के लिए मुसीबत बनी हुई है। वर्षा से जगह-जगह कहीं मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, कहीं पैदल रास्ते पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। विभाग भी इस ओर लापरवाह बना है।
मलबा और बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे
चमोली जिले में वर्षा के चलते हुए पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे पागलनाला, टंगड़ी बेनाकुची के पास गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे करीब बंद हो गया, जिसे छह घंटे बाद दोपहर सवा 12 बजे सुचारू किया जा सका। वहीं कर्णप्रयाग पंचपुलिया के पास भी पहाड़ी से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे सुबह पौने आठ बजे बंद हो गया था, जिसे दोपहर 12.30 बजे खोला जा सका।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंदरकोट के पास रहा बंद
उत्तरकाशी जिले में भी वर्षा से जनजीवन पर असर पड़ा है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू की ओर गुरुवार को बंदरकोट के पास सुबह साढ़े नौ बजे भारी भूस्खलन से बंद हो गया, जिसके कारण जिला मुख्यालय से चिन्यालीसौड़, डुंडा, नौगांव, पुरोला, मोरी आदि क्षेत्रों का संपर्क कट गया। अति आवश्यक कार्य के लिए देहरादून-ऋषिकेश आने जाने वाले वाहनों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे रहा अवरुद्ध
रुद्रप्रयाग जिले में बुधवार रात वर्षा से गौरीकुंड हाईवे भटवाड़ीसैंड, तिलबाड़ा के पास, चन्द्रापुरी और फाटा के पास अवरुद्ध हो गया। सुबह से ही मलबा हटाने में मशीनें लग गई थी। तिलबाड़ा के पास छोड़ कर सुबह साढ़े आठ बजे अन्य स्थानों पर वाहनों की आवजाही सुचारू हो गई थी, लेकिन तिलवाड़ा के पास हाईवे पर बड़ी मात्रा में मलबा व बोल्डर आने से हाईवे को आठ घंटे बाद आवाजाही के लिए खोला जा सका, जिससे हाईवे के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहनों की लाइन लग गई।