125 किलोमीटर लंबीऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के नौ पैकेज में 80 प्रवेश द्वार होंगे। करीब 50 प्रवेश द्वार तैयार हो चुके हैं। किसी भी आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ और आग से निपटने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की ओर से साइट स्पेसिफिक स्पेक्ट्रम स्टडी तैयार की गई है।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण में लगे रेल विकास निगम ने 50 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर तैयार कर दी है। कुल 125 किलोमीटर लंबे ट्रैक में का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों के अंदर होगा। रेल विकास निगम चार दिन में करीब एक किलोमीटर सुरंग का निर्माण कर रहा है।
रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक के ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि 125 किलोमीटर लंबीऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के नौ पैकेज में 80 प्रवेश द्वार होंगे। करीब 50 प्रवेश द्वार तैयार हो चुके हैं। किसी भी आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ और आग से निपटने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की ओर से साइट स्पेसिफिक स्पेक्ट्रम स्टडी तैयार की गई है। इसे विदेशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की ओर से जांचा गया है।
भूस्खलन से बचने के लिए पोरल स्टेबलाइजेशन किया गया है। सभी बातों का ध्यान में रखकर सुरंगों का डिजायन तैयार किया गया है। सभी पैकेज में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इस काम के लिए सभी पैकेज पर एक ठेकेदार और आरवीएनएल का एक-एक कर्मचारी तैैनात रहता है। किसी भी प्रकार आपदा से बचने के लिए सुरंगों को सुरक्षित बनाया जा रहा है।