
क्रेडिट (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) का इस्तेमाल हम सब अपने रोजमर्रा के छोटे-बड़े काम के लिए करते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या किसी ऐप या पॉइंट ऑफ सेल पर पेमेंट करना हो, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के नियमों में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
आज से आपको क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए टोकन की जरूरत पड़ेगी। ऐसा क्यों किया गया है और रिजर्व बैंक द्वारा इस नियम को लाने की क्या वजह है, हम आपको बताते हैं। दरअसल, कार्ड टोकनाइजेशन ऑनलाइन लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए लाया गया है। इसकी घोषणा आरबीआइ द्वारा की गई है। ऑनलाइन खरीदारी करते समय उपभोक्ता की वित्तीय जानकारी सुरक्षित रहे और उसके साथ कोई फ्राड न हो, यही इसका उद्देश्य है। यहां इससे जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी दी जा रही है।
क्रेडिट/डेबिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट, यूपीआई जैसे विकल्पों ने लेन-देन को बहुत सुगम बना दिया है। हालांकि ऑनलाइन खरीदारी में जबरदस्त उछाल के कारण डाटा सुरक्षा उल्लंघन के मामलों में भी वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साइबर सुरक्षा जोखिम से निपटने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई उपाय किए हैं। टोकनाइजेशन भी इनमें से एक है।