यूपी में वर्ष 2025 में कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों की संख्या तो बढ़ेगी लेकिन नवीं और दसवीं में गिर जाएगी, यानी माध्यमिक में ड्रॉप आउट बढ़ जाएगा। इसका खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) ने जुलाई में सर्वे किया था। सितंबर में जारी होने के बाद अध्ययन शुरू हो गया है। छात्र संख्या न घटे इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की गई, जिसमें यूपी भी शामिल है।
रिपोर्ट में वर्ष 2016 से लेकर 2022 तक की छात्र संख्या को आधार बनाया गया है। वर्ष 2025 में प्रोजेक्शन (एक प्रकार का अनुमान) किया गया है। इस वर्ष तक कक्षा 1 से 8 तक की छात्र संख्या 38499144 हो जाएगी। 2022 में छात्र संख्या 37143134 रही है। बालकों की संख्या वर्ष 2022 में 19170487 है लेकिन वर्ष 2025 में यह बढ़कर 19869256 हो जाएगी। बालिकाओं की संख्या वर्ष 2022 में 17972647 है लेकिन 2025 में यह 18629888 होने का अनुमान है। एनसीईआरटी के यूपी के सर्वे के अनुसार वर्ष 2022 में कक्षा 09 व 10 की कुल छात्र संख्या 9165419 है लेकिन वर्ष 2025 में यह घटकर 8261764 हो जाएगी। इस ड्रॉप आउट को बचाने का प्रयास किया जाएगा।
माध्यमिक के स्तर पर ड्रॉप आउट को रोका जा सकता है। शिक्षाविद् आरसी शर्मा के मुताबिक कक्षा एक से आठ तक अधिक ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में अनेक अभियान के माध्यम से बच्चे स्कूलों में पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा। इसी के साथ कक्षा नौ व 10 के लिए भी मेहनत करनी होगी। ऐसा करने से ड्रॉप आउट कम या खत्म किया जा सकता है।