गुजरात दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नाम लिए बिना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर जमकर निशाना साधा। एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने तत्कालीन रियासतों के विलय से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर दिया था। लेकिन ”एक व्यक्ति” कश्मीर के मुद्दे को नहीं हल कर सका। वर्षों से लंबित कश्मीर की समस्याओं का हल मैं इसलिए निकाल सका, क्योंकि मैं सरदार पटेल के पदचिह्नों पर चलता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर बांध परियोजना में बाधा डालने की शहरी नक्सलियों ने भरपूर कोशिश की। इसे कानूनी पचड़ों में उलझाकर रखा।
आणंद जिले के वल्लभ विद्यानगर में भाजपा द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात होने पर उनसे यह अवश्य पूछें कि क्या उन्होंने कभी सरदार पटेल के सम्मान में स्टैच्यू आफ यूनिटी का दौरा किया है। इसके निर्माण का संकल्प भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए लिया था। इसका उद्देश्य सरदार पटेल को वह सम्मान देना था, जिसके वे हकदार थे। केवडिया में स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा विश्व का गौरव है। उन्होंने कहा कि केवल स्टैच्यू आफ यूनिटी ही नहीं, उनकी सरकार ने महात्मा गांधी के सम्मान में ऐतिहासिक दांडी मार्च के पूरे मार्ग को भी विकसित किया है। गांधी के नाम पर वर्षों तक राजनीति करने वालों ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसे भी हमें ही करना पड़ा।
पीएम मोदी ने कहा कि शहरी नक्सली विदेशी ताकतों की सहायता से गुजरात में प्रवेश करने की कोशिश में है। इन्होंने अपनी वेशभूषा बदल ली है। देश के कई राज्यों बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में नक्सलियों ने आदिवासी युवाओं के हाथों में बंदूक थमाकर उनकी ¨जदगी को तबाह कर दिया। गुजरात के आदिवासी युवाओं ने मेरी बात मानकर विकास का संकल्प लिया और शहरी नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। भरुच में 2506 करोड़ रुपये के बल्क ड्रग पार्क के साथ ही उन्होंने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। अपनी इस यात्रा में वह राज्य में 8,200 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस गुजरात में अपनी पुरानी रीति-नीति पर उतर आई है। इसलिए, लोग इससे सतर्क रहें। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस व इसके नेताओं की चुप्पी पर आश्चर्य जताते हुए पीएम ने लोगों से सतर्क रहने को कहा। कहा कि ऐसा मत समझिए कि कांग्रेस सभा, सम्मेलन व प्रेस वार्ता नहीं कर रही है तो वह चुप बैठी है। वह जमीनी स्तर पर गांवों में घूमकर अपनी पुरानी रीति-नीति से चुनाव जीतने के प्रयास में है। उनका इशारा कांग्रेस की जातिवादी राजनीति से था।