
चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस की (Covid-19 cases in China) नई लहर ने कम्युनिस्ट शासन को चिंता में डाल दिया है। चीन में तीन महीनों में सबसे ज्यादा कोरोना के मामाले सामने आए हैं। कोरोना के प्रसार के चलते चीन ने पांच जिलों में लाकडाउन लगा दिया है। खास बात यह है कि चीन में यह लाकडाउन ऐसे समय लगाया गया है, जब ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है। ताइवान को लेकर एकदम युद्ध जैसे हालात हैं। इसके अलावा चीन में राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक होने वाली है। यह बैठक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए खास है।
चीन की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को चीन के शंघाई में कोरोना के 47 नए मरीज मिले हैं। मरीजों की यह संख्या पिछले तीन महीने में सर्वाधिक है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका को देखते हुए शंघाई के 16 में से पांच जिलों में लोगों की कोरोना जांच के लिए कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन के व्यापारिक हब के नाम से विख्यात शंघाई में कोरोना वायरस के प्रसार के चलते भीड़-भाड़ वाले इलाकों एवं शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। इसके साथ कई अन्य संस्थान भी बंद रहेंगे। शंघाई के इन जिलों में जब तक लोगों की कोरोना जांच नहीं हो जाती है, तब तक कठोर प्रतिबंधों में रहना होगा।
खास बात यह है कि चीन में कोरोना वायरस का प्रसार ऐसे समय हो रहा है जब चीन में राष्ट्रीय कांग्रेस का 20वां सम्मेलन होने वाला है। राष्ट्रीय कांग्रेस का यह सम्मेलन पांच वर्ष मे होता है। यह चर्चा जोरो पर है कि इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपना कार्यकाल बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में चीन में कोरोना के प्रसार ने चिंता में डाल दिया है। गौरतलब है कि जीरो कोविड नीति को लेकर चीन में विरोध होता रहा है। इस नीति के चलते यहां मल्टी नेशनल कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।