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गरीबी में बीता बचपन, कड़ी मेहनत से रची कामयाबी की इबारत; 

भारत के 11वें राष्ट्रपति व मिसाइलमैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की आज 91वीं जयंती है। एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर देश उन्हें आज याद कर रहा है। भारत के मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनके योगदान के लिए आज भी याद किया जाता है।

दरअसल, एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित धनुषकोडी के एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था। अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे। उनके पांच भाई और पांच बहने थी और घर में तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम के बहुत काम आए।

बता दें कि अब्दुल कलाम के परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा ठीक नहीं थी। ऐसे में उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार बेचने का कभी काम किया। इसके अलावा कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। स्नातक होने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आए। जहां उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया और उन्हें ‘पीपुल्स प्रेसिडेंट’ भी कहा गया। इसके अलावा कलाम ने भारत के दो प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया था। साथ ही अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय भी कलाम को ही जाता है। साथ उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था।

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