साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के कारण इस वर्ष दीपावली के पांच महापर्वों पर बदलाव हुआ है। इस बार दीपोत्सव के बीच साल का आखिरी सूर्य ग्रहण का साया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह बदलाव 27 वर्ष बाद हुआ है।
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बार पांच महापर्वों के बीच में सूर्य ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा तीसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को की जाएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार को सूर्य ग्रहण काल प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट तक रहेगा और इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
ग्रहण समाप्ति होने के बाद मंदिरों में सफाई कर सभी मंदिरों में देवी देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद देवी देवताओं की मूर्तियों को मंदिर में स्थापित कर शाम की पूजा और आरती संपन्न होंगी।
धार्मिक नजरिए से ग्रहण को अशुभ माना गया है। ऐसे में गोवर्धन पूजा भी एक दिन आगे खिसक गई है। अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण मंगलवार शाम चार बजे चरम पर रहेगा। जिसे उत्तराखंड समेत कई जगहों पर देखा जाएगा। ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतककाल शुरू हो जाएगा। ग्रहण समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।