भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को देश की पहले डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के जरिए विशिष्ट उपयोग के लिए डिजिटल रुपये का शुभारंभ हो गया है। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल फिलहाल केवल थोक लेन-देन के लिए होगा।
आरबीआई के मुताबिक नौ बैंकों को फिलहाल डिजिटल रुपये में ट्रांजैक्शन की इजाजत दी गई है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं।
ई-रुपये का उपयोग करके पहले दिन 2.75 अरब रुपये के बांड में ट्रेडिंग की गई। पहले दिन पांच साल और 10 साल के बॉन्ड का कारोबार हुआ। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को अपनी डिजिटल मुद्रा का पायलट कार्यक्रम शुरू किया, जिससे चुनिंदा बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक-बाजार लेनदेन के निपटान के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति मिली।
क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय डिजिटल मुद्रा के जरिए बैंकों ने पहले दिन 2.75 अरब रुपये (33.3 मिलियन डॉलर) के बॉन्ड का कारोबार किया। डिजिटल करेंसी में भाग लेने वाले बैंकों 2027 बॉन्ड में 1.4 अरब रुपये के 24 ट्रेड्स को अंजाम दिया। 2032 बॉन्ड में कुल 23 ट्रेड्स के जरिए 1.3 अरब रुपये का लेन-देन किया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि RBI 2022-23 में CBDC को लॉन्च करेगा। यह केंद्र सरकार की तरफ डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर पहला आधिकारिक बयान था। वित्त मंत्री ने कहा था कि CBDC की शुरूआत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगी।