भारतीय जनता पार्टी लगातार मुसलमानों से अपनी दूरी कम करने की कोशिश कर रही है। हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम नरेंद्र मोदी की अपील के बाद पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने के लिए पार्टी ने मुहिम भी चलाई हुई है। मुसलमान मतदाताओं को जोड़ने के लिए भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर उनके बीच लोकप्रिय होने की कोशिशें भी करती रही है, लेकिन अब तक उसकी ये कोशिश नाकाम साबित हुई है। पिछली बार 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने सात मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था, लेकिन सबकी जमानत जब्त हो गई थी।
दिल्ली भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से 20 वार्ड में मुस्लिम प्रत्याशियों के लिए टिकट मांगा है। इनमें चांदनी महल सीट, सीताराम बाजार, बल्लीमारान, ओखला विधानसभा की दो सीटें जाकिर नगर और अबुल फजल एनक्लेव, मुस्तफाबाद, शास्त्री पार्क, चौहान बांगड़, मुस्तफाबाद, श्रीराम खजूरी, करावल नगर, कुरेश नगर, बल्लीमारान, कराड़ी विधानसभा में निठारी वार्ड, सीताराम बाजार और मौजपुर शामिल हैं।
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में लगभग 25 सीटों पर और नगर निगम की 250 में से लगभग 60 सीटों पर मुसलमान मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भाजपा मुसलमान मतदाताओं के बीच जाकर कुछ वोट अपने प्रत्याशियों के लिए निश्चित करना चाहती है। निगम चुनाव में जहां कुछ वोट भी प्रत्याशियों की किस्मत तय करते हैं, यदि भाजपा कुछ मुसलमान मतदाताओं को भी लुभाने में कामयाब रही तो परिणाम बदल सकते हैं।