इंडोनेशिया में आज से शुरू हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बाली पहुंच गए। वह आज शिखर सम्मेलन के तहत होने वाली बैठकों में प्रतिभाग करेंगे। इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। इस दौरान खाद्य, सुरक्षा, ऊर्जा, यूक्रेन संकट जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बैंक इंडोनेशिया, बैंक नेगारा मलेशिया, बैंगको सेंट्रल एनजी फिलिपींस, सिंगापुर का मौद्रिक प्राधिकरण और बैंक ऑफ थाईलैंड ने सीमा पार भुगतान पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एक बयान में कहा गया कि यह समझौता ज्ञापन सीमा पार व्यापार, निवेश, वित्तीय मदद, पर्यटन जैसी अन्य आर्थिक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। क्योंकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी। आगे कहा, भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है।