उत्तराखंड

पुलिस और प्रशासन ने भाकियू के कार्यकर्ताओं को डीएम कार्यालय कूच से रोका,

वन विभाग, एमडीडीए, रेरा और पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन ने जिलाधिकारी कार्यालय कूच किया। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की टीम ने उन्हें ट्रांसपोर्टनगर स्थित यूनियन के कार्यालय के पास ही रोक लिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी वार्ता डीएम और मुख्यमंत्री से कराई जाएगी।

बुधवार को भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन के लिए कूच की तैयारी की। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत यूनियन के संस्थापन सोमदत्त शर्मा के नेतृत्व में भारी संख्या में सदस्य ट्रांसपोर्टनगर स्थित यूनियन कार्यालय में एकत्रित हुए। जैसे ही किसानों ने वहां से डीएम कार्यालय के लिए कूच किया तो जिला प्रशासन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और पुलिस से सीओ पल्लवी त्यागी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाया। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाएगी और डीएम के सामने भी उनकी मांगों को रखा जाएगा। आश्वासन के बाद यूनियन ने अपना कूच रोक लिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर एक-दो दिन में ऐसा नहीं हुआ तो 18 दिसंबर को 27 राज्यों के किसान देहरादून में एक महापंचायत आयोजित करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

इस दौरान उन्होंने रामपुर गांव में 150 हरे पेड़ काटने वालों पर कार्रवाई करने, एमडीडीए, रेरा में चल रही रिश्वतखोरी पर अंकुश लगाने, गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित करने, एमएसपी कानून बनाने, अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की। इस दौरान अरुण शर्मा, अमन सिंह, मैनुद्दीन इमाम हसन, पदम सिंह, राजेश कश्यप, अशोक चौधरी, सरदार सुखवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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