उत्तराखंड सरकार का करीब 33.50 करोड़ की लागत से बना वेब पोर्टल ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (डीएसएस) दो साल से सफेद हाथी साबित हो रहा है। आपदा की स्थिति में यह वेब पोर्टल बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। दो साल पहले तैयार हो चुका यह पोर्टल अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है
इस पोर्टल के संचालन के लिए अभी तक अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग ही नहीं हो पाई है। वर्ष 2019 में आपदा प्रबंधन विभाग ने विश्व बैंक की सहायता से यह वेब पोर्टल विकसित किया था। इस वेब पोर्टल पर हर वह जानकारी मौजूद है जो आपदा प्रबंधन के समय तुरंत कार्रवाई के लिए काम आ सकती है। इसका इस्तेमाल केवल आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन और लाइन विभागों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी ही कर सकते हैं। यह तभी संभव है, जब इसे चलाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी गई हो।
वेब पोर्टल को थाईलैंड की कंपनी एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) ने तैयार किया था। वर्ष 2019 में वेब पोर्टल उत्तराखंड सरकार को हैंडओवर करने के बाद कंपनी ने इसके संचालन की ट्रेनिंग नहीं दी। कई बार के पत्राचार के बाद अब जाकर मार्च 2022 में ट्रेनिंग शुरू हो पाई। प्रदेश में 15 लाइन विभागों के सैकड़ों अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जानी है और इस काम में केवल सात ट्रेनरों को लगाया गया है। एक-एक ट्रेनर को दो-दो जिले बांटे गए हैं। ऐसे में ट्रेनिंग का ही काम कब तक पूरा हो पाएगा, कहना मुश्किल है।