
अब रिस्पना नदी में गंदे नालों का पानी और घरों का सीवर नहीं गिरेगा। पेयजल निगम ने अधिकांश नालों और सीवर पाइपों को टैप कर लिया है। इन्हें मोथरोवाला स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा। इस काम के लिए नमामि गंगे परियोजना से 63.75 करोड़ रुपये स्वीकृति हुए थे। अधिकारियों के अनुसार दिसंबर तक सभी नालों को टेप कर लिया जाएगा।
दरअसल, रिस्पना नदी में करीब 177 गंदे नालों का पानी और करीब तीन हजार घरों का सीवर गिरता था। जिसे रोकने के लिए पेयजल निगम ने नमामि गंगे परियोजना के तहत प्लान तैयार किया। 63.75 करोड़ की इस योजना के तहत नदी में गिरने वाले नालों और सीवर पाइपों को टैप करने का कार्य चल रहा है। इसके बाद इन नालों और सीवर को मोथरोवाला स्थित पूर्व निर्मित 40 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा। इसके लिए निगम ने 32 किमी की कैरियर लाइन बिछाई है।
पेयजल निगम के अधिकारियों के अनुसार पहले जून 2021 में इस कार्य को पूरा होना था लेकिन कोरोना के चलते योजना की डेडलाइन को आगे बढ़ाना पड़ा। पेयजल निगम 15 साल तक इसका रखरखाव का कार्य भी स्वयं ही करेगा।
योजना के तहत अधिकतर कार्य पूरे हो चुके हैं। कुछ कार्य शेष हैं जो दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। इसके बाद रिस्पना नदी को प्रदूषण से मुक्त मिलेगी।
हेम जोशी, ईई, दून डिवीजन पेयजल निगम