वाहनों की आटोमेटेड फिटनेस व डीजल वाहनों के संचालन के लिए दस साल की बाध्यता करने की तैयारी के विरोध में ट्रांसपोर्टरों के एक दिवसीय बंद का पछवादून में व्यापक असर दिखाई दिया। क्षेत्र की सबसे बड़ी व महत्वपूर्ण मानी जाने वाली देहरादून-विकासनगर-डाकपत्थर बस यूनियन के हड़ताल में शामिल होने से क्षेत्र की यातायात व्यवस्था चरमरा गई। इसके अलावा कालसी व साहिया में यूटिलिटी व हल्का वाहन यूनियनों के पदाधिकारियों ने जाम लगाकर व प्रदर्शन करके बंद को अपना समर्थन दिया।
देहरादून में ट्रांसपोर्टरों के बुलाए गए एक दिवसीय बंद व प्रदर्शन में पछवादून व जौनसार बावर की सभी बस यूनियन, यूटिलिटी यूनियन, विक्रम यूनियन, मैक्सीमो यूनियन व ई रिक्शा यूनियन शामिल रही। इस दौरान डाकपत्थर, विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई व सुद्घोवाला में दैनिक यात्रियों को आवाजाही में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। अधिक दूरी से लेकर थोड़ी दूरी तक के लिए चलने वाले विक्रम व ई रिक्शा नहीं मिलने से लोग परेशान दिखे। हरबर्टपुर-कालसी मैक्सीमो वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मेघश्याम शर्मा, विक्रम ग्रामीण जनसेवा समिति के अध्यक्ष सुभाष सैनी ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का पूर्ण समर्थन करते हुए सभी वाहनों को बंद रखा गया है।
सरकार का आटोमेटेड फिटनेस व विक्रम आदि पर दस साल से अधिक संचालन नहीं किए जाने की बाध्यता के निर्णय ट्रांसपोर्टरों के लिए बेहद नुकसान वाले हैं। इस प्रकार के निर्णयों से ट्रांसपोर्टर को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार को अपने दोनों निर्णय वापस लेने चाहिए। – सौरभ शर्मा, अध्यक्ष, देहरादून-विकासनगर-डाकपत्थर बस यूनियन
सरकार को जनता व ट्रांसपोर्टरों की सुविधा के लिए कदम उठाने चाहिए। सरकार का काम यह नहीं कि वह ट्रांसपोर्टरों या आम जनमानस के लिए परेशानी खड़ी करे। दोनों ही निर्णय अव्यवहारिक हैं। इन्हें तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।