उत्तराखंड

आरटीआई: पांच साल में कैंट बोर्ड ने ओवरहेड टैंकों की सफाई कब-कब की पता नहीं,

अगर आप कैंट बोर्ड क्षेत्र में रहते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आपका पानी शुद्ध है या नहीं इसकी जानकारी कैंट बोर्ड को भी नहीं है। आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के तहत कैंट बोर्ड नहीं बता पाया कि उन्होंने पांच सालों के अंदर क्षेत्र के ओवरहेड टैंकों की सफाई कब की। हालांकि, वह समय-समय पर टैंकों की सफाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है।

दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता वी वीरू बिष्ट ने कैंट बोर्ड से आरटीआई के तहत कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिसके तहत उन्होंने पूछा था कि पिछले पांच सालों में कैंट क्षेत्र में ओवरहेड टैंकों की सफाई कब-कब की गई। साथ ही यहां पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच किस संस्था से कराई गई। इसके जवाब में कैंट बोर्ड ने कहा कि समय-समय पर निरीक्षण करने के उपरांत ओवरहेड टैंकों की सफाई की जाती है। जिसका रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। वी वीरू बिष्ट का कहना है कि यह कैंट बोर्ड की लापरवाही को दर्शाता है। पानी लोगों के लिए बहुत अहम होता है। यदि वह दूषित है तो लोग बीमार भी पड़ सकते हैं। ऐसे में कैंट बोर्ड की इस तरह की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली कई सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि जब कैंट बोर्ड वाटर टैक्स वसूल रहा है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया कराए। उधर, इस संबंध में कैंट बोर्ड के चेयरमैन डिप्टी जीओसी और सीईओ अभिनव सिंह से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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