उत्तराखंड

पीएमओ पहुंचा स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों में देरी और गुणवत्ता का मामला

राजधानी दून को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर 2017 में स्मार्ट सिटी परियोजना की शुरुआत की गई थी। परियोजना के तहत एक हजार करोड़ रुपये खर्च करके शहरियों को सीवर लाइन, स्मार्ट रोड, स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट टॉयलेट, स्मार्ट ट्रैफिक लाइट समेत कई चीजें मुहैया कराई जानी थी।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधानी के विभिन्न इलाकों में कराए जा रहे दर्जन भर से अधिक बड़े निर्माण कार्यों में हो रही देरी के साथ ही उनकी गुणवत्ता का मामला पीएमओ तक पहुंच गया है। राजधानी के व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कराए जा रहे तमाम निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

पीएमओ को भेजे गए पत्र में व्यापारियों ने कहा कि राजधानी दून को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर 2017 में स्मार्ट सिटी परियोजना की शुरुआत की गई थी। परियोजना के तहत एक हजार करोड़ रुपये खर्च करके शहरियों को सीवर लाइन, स्मार्ट रोड, स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट टॉयलेट, स्मार्ट ट्रैफिक लाइट समेत कई चीजें मुहैया कराई जानी थी।

इतना ही नहीं परियोजना के तहत राजधानी के पलटन बाजार का भी सौंदर्यीकरण होना था। लेकिन, पांच साल बाद भी यह सभी निर्माण कार्य आधे-अधूरे तो पड़े ही हैं। साथ ही इनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं लग रही है। अधिकारियों की मिलीभगत से अनुभवहीन ठेकेदारों को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।

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