
देहरादून में एक महिला जिसने जीवन यापन करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने का साहस दिखाया पुरुष प्रधान समाज में एक रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए एक महिला ने मिसाल कायम की उनसे बातचीत के दौरान पता चला कि उन्होंने शुरुआती दौर में किन किन परिस्थितियों का सामना किया यहां तक की ऑटो रिक्शा वालों की तरफ से उनके साथ मारपीट तक की गई जिसके कारण एक डेढ़ साल तक इन्होंने बहुत संघर्ष किया साथ ही उन्होंने कहा सरकार की तरफ से कोई सहायता तो नहीं मिली लेकिन आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस तथा नगर निगम का सहयोग मिला है तथा जो भी सवारी हमारे रिक्शा में बैठती हैं वह हमारे काम की सराहना करते हैं आगे उन्होंने कहा कि अब परस्तिथि बदल रही है आज देहरादून में लगभग 10 से 12 महिलाएं इसका सफल संचालन कर रही हैं और हमें महिला दिवस पर भी सम्मानित किया जाता है अब स्थिति बदल रही है अब जनता द्वारा भी सहयोग मिलता है।
रिपोर्टर :- लक्ष्मण प्रकाश
कैमरामैन :- चन्दन कुमार