कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने आज विधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जोशीमठ के मामले में सरकार फेल साबित हुई है, इस दौरान प्रीतम सिंह ने मांग उठाई कि जोशीमठ आपदा प्रभावित लोगों को केदारनाथ की तर्ज पर मुआवजा राशि दी जाए, प्रीतम ने कहा कि सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि जोशीमठ के लोगों का विस्थापन कहां किया जाना है, और मुआवजा राशि किस आधार पर दी जानी है, जबकि जोशीमठ के लोग बेघर होकर परेशान हो रहे हैं।
इसके साथ ही प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि भर्ती परीक्षाओं में सरकार के मुलाजिम ही मिलीभगत करने का काम करते रहे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार कितने मजबूत हाथों के माध्यम से राज्य में युवाओं को रोजगार देने के लिए भर्ती परीक्षा करवा रही है।। उन्होंने कहा कि सरकार को फिलहाल तमाम भर्ती परीक्षाओं को स्थगित कर देना चाहिए जिससे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो,
दरोगा भर्ती मामले में 20 सब इंस्पेक्टर को कल सस्पेंड करने के बाद अब कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री रहे प्रीतम सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि दरोगा भर्ती उनके शासनकाल में हुई थी यदि सरकार इस मामले में गंभीर है तो वह हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं जिससे सरकार दोषियों पर कार्रवाई कर सके।। उन्होंने कहा कि तमाम भर्ती नकल माफियाओं की भेंट चढ़ रही है लेकिन सरकार महज जांच का खेल कर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है उन्होंने कहा कि दरोगा भर्ती मामले पर सरकार पहल करें वह सीबीआई जांच के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं.
रिपोर्टर – विनय सूद