जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में है। लाखों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बदरीनाथ की तरफ जाने वाले इस एकमात्र मार्ग के कई हिस्सों में एक से दो मीटर तक दरारें आई हैं। सरकार फिलहाल मार्ग की मरम्मत की बात कर रही है, लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग को सुचारू रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। बदरीनाथ हाईवे धार्मिक ही नहीं सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। हाईवे पर आईं बड़ी-बड़ी दरारें सरकार की चिंता का बड़ा कारण बन गई हैं।
यदि दरारें नहीं थमीं तो हाईवे का एक बड़ा हिस्सा जमींदोज हो सकता है। ऐसे में बदरीनाथ धाम की राह बाधित होने के साथ ही भारतीय सेना का चीन सीमा से संपर्क भी कट सकता है। इस मार्ग पर जोशीमठ में स्टेट बैंक के सामने, मुख्य बाजार में लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस के नीचे, जेपी कॉलोनी और मारवाड़ी में भी एक से दो मीटर चौड़ी दरारें हैं। क्षेत्र का दौरा कर लौटे भू-विज्ञानी प्रो. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि हाईवे पर दरारों का पैटर्न समानांतर है। इसके अलावा सड़क के किनारे धंस रहे विशालकाय पत्थर भी चिंता बढ़ा रहे हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही है, ताकि घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद पहुंचाई जा सके। कहा, अब तक प्रभावित आठ किरायेदारों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से चार लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में दी गई है।
उत्तराखंड के संकटग्रस्त जोशीमठ में शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी ने पहले से परेशानियों में घिरे लोगों और प्रशासन की समस्या बढ़ा दी है। बारिश से दरारों के और चौड़े होने का खतरा बन गया है। लोग अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर नहीं ले जा पा रहे। कई परिवार सुरक्षित जगह जाने के लिए सामान बाहर निकाल चुके थे, मगर अब उस सामान पर बर्फ जम गई है।