उत्तराखंड

एस॰पी॰ ट्रैफ़िक देहरादून अक्षय कोंडे, IPS द्वारा अभिभावकों को लिखा ख़त, नाबालिग द्वारा वाहन चलना जताई चिंता

देहरादून शहर में प्रायः यह देखा जा रहा है कि नाबालिक छात्र-छात्राओं में यातायात नियमों के उल्लंघन की प्रवृत्ति बढती जा रही है जिससे इनके भविष्य तथा सुरक्षा एक चिन्ताजनक विषय बनता जा रहा है जिस हेतु बच्चों में मौलिकता, प्रासंगिकता, नैतिकता विकास कर स्वच्छ ईमानदार व आज्ञाकारी बनाएं जाने की जरूरत है । बच्चों की तार्किग शक्ति के विकास में स्कूली शिक्षा का सबसे अधिक योगदान रहता है जो उसके जीवन में आगे चलकर उनके आचरण को अच्छे व बुरे रूप को प्रभावित / परिभाषित करता है । उक्त समंध में श्री अक्षय कोंडे, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून द्वारा स्कूली बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक समर्पित संदेश अभिभावकों की जागरुकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है जिसे शहर क्षेत्र के समस्त प्रधानाचार्य को इस अपेक्षा एवं भाव के साथ प्रेषित किया गया है कि समर्पित संदेश को स्कूल के नोटिस बोर्ड पर अनिवार्य रुप से चस्पा कर एक प्रति स्कूल के प्रचलित अभिभावकों के व्हाट्सअप ग्रुप में भी प्रसारित करें ।
इसके अतिरिक्त स्कूली छात्रों में यातायात नियमों / सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मन्त्रालय द्वारा जारी शपत (Oath) को मुख्यतः कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रातःकालीन समय में Assembly के दौरान अधिग्रहण करने हेतु समस्त स्कूलो से अपील की हे।

शहर क्षेत्रान्तर्गत समस्त स्कूलों की दीवारों पर लगाये गये यातायात जागरूकता पोस्टर

शहर क्षेत्रान्तर्गत नाबालिकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करनें की प्रवृत्ति बढती जा रही है जिस पर प्रभारी रोकथाम तथा मोटर वाहन अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही हेतु यातायात पुलिस देहरादून द्वारा शहर क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्कूल में चलाये जा रहे । जागरुकता अभियान के अन्तर्गत नाबालिग छात्र-छात्राओं को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199 ए के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही के सम्बन्ध में जागरुक करनें के उद्देश्य से शहर के समस्त स्कूलों की दीवारों पर पोस्टर लगाये गये जिसमें उक्त धारा के दण्ड के सम्बन्ध में बताया गया है ।

यातायात पुलिस द्वारा यह जागरूकता अभियान लगातार जारी रहेगा तथा सभी से अनुरोध करती है कि नाबालिक छात्र-छात्राओं को वाहन न दिया जाये । नाबालिग द्वारा वाहन चलानें में निम्न प्रकार कार्यवाही का प्रविधान है –
1. MV Act की धारा 199A के अन्तर्गत संरक्षक या स्वामी को 03 वर्ष तक के कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना ।
2. अपराध किये जाने में प्रयुक्त मोटर यान 12 मास की अवधि के लिए रद्द ।
3. जब तक किशोर 25 वर्ष का न हो जाये तब तक डीएल प्राप्त करनें के लिए पात्र नहीं होगा ।

  • रेश ड्राइवर पर लगाम काफ़ी सफल रहा। अब ट्रैफ़िक पुलिस द्वारा नाबालिग द्वारा वाहन न चलाये जाने के सम्बन्ध में जागरुक करनें के उद्देश्य से यातायात पुलिस नें कमर कसी हे। लोगों द्वारा मोहल्ला ट्रैफ़िक कमिटी की मीटिंगो में तथा अन्य मौक़ों पर मुझे इस समस्या को लेकर कार्यवाही करने के लिए निवेदन किया गया हे। अब तक पुलिस द्वारा समय समय पर चालान तथा वाहन सीज की कार्यवाही की गयी हे। 25,000/- तक का जुर्माना होते हुये भी पेरेंट्स अभी भी बच्चों को वाहन देते हे। अभिभावकों को लिखा हुआ ख़त एक अपील तथा चेतावनी भी हे। अगर शहर में इस क्षेत्र में सुधार ना दिखे तो ट्रैफ़िक पुलिस एम॰वी॰ ऐक्ट की सम्पूर्ण धारा का उपयोग करते हुए 03 महीने तक कारावास की संस्तुति भी करेगी – एस॰पी॰ ट्रैफ़िक अक्षय कोंडे, IPS

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