उत्तराखंड

उत्तराखंड में इस वर्ष पहाड़ी जिलों में भीषण जल संकट की आहट सुनाई देने लगी है

उत्तराखंड में इस वर्ष पहाड़ी जिलों में भीषण जल संकट की आहट सुनाई देने लगी है ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जल संस्थान की ग्रीष्म काल पेयजल स्रोतों की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है हालांकि पेयजल सचिव नितेश जाने जल संस्थान को जरूरी आवश्यकताएं पूरी करने के निर्देश दे चुके हैं,बता दें कि पेयजल स्रोतों का 51 से 75% तक पानी घट चुका है,प्रदेश के 4624 गधेरों और झरनों में तेजी से पानी कम हुआ है,पानी कम होने वाले स्रोतों में पौड़ी पहले स्थान पर है,,,,,,,,,,,,,

बीजेपी सांसद नरेश बंसल का कहना है कि यह प्राकृतिक आपदा है और सरकार इससे निपटने के लिए तैयार है हालांकि आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि कम से कम पानी इस्तेमाल किया जाए ताकि ऐसे संकट से बचा जा सके

नरेश बंसल

रिपोर्ट–विनय सूद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button