ऊर्जा संकट के समय पिछले साल नवंबर से इस साल फरवरी के बीच यूपीसीएल ने दूसरे राज्यों से जो बिजली उधार ली थी, वह अब जून से सितंबर माह के बीच लौटानी है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इसकी अनुमति दे दी है। यूपीसीएल को इसके लिए एनर्जी बैंकिंग एग्रीमेंट(ईबीए) 15 दिन के भीतर नियामक आयोग में जमा कराना होगा।
यूपीसीएल प्रबंधन ने नियामक आयोग में एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि कोविड के बाद से प्रदेश में बिजली की मांग में पांच से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। इस बार बिजली संकट के दौरान यूपीसीएल ने एनर्जी बैंकिंग के माध्यम से अन्य राज्यों से 21 नवंबर से 30 नवंबर, एक दिसंबर से 31 दिसंबर, एक जनवरी से 31 जनवरी और एक फरवरी से 15 फरवरी के बीच कुल 39 करोड़ 36 लाख यूनिट बिजली उधार ली थी।
अब उन्हें यह बिजली चार प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ लौटानी है। नियामक आयोग में अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की खंडपीठ ने निर्णय दिया है कि उधार की यह बिजली इस साल जून से सितंबर माह के बीच लौटा सकते हैं। यूपीसीएल को यह बिजली 21 जून से 30 सितंबर के बीच चरणबद्ध लौटानी होगी।