पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीते दिनों अपनी गतिविधियां कम करने की बात कही तो कुछ लोगों ने इसे उनके राजनीतिक जीवन से संन्यास से जोड़ दिया। हरीश रावत की मानें तो वह कांग्रेस के 24 घंटे के सिपाही हैं, ऐसे में उनके राजनीतिक जीवन से संन्यास लेने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।
अमर उजाला से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि अभी तो उन्हें हरिद्वार के लोगों का कर्ज उतारना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 उन्हें अचानक हरिद्वार लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। लोगों ने उन्हें विजयी बनाकर संसद में भेजा। इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी को हरिद्वार की उस सीट से विधानसभा में भेजा, जिस सीट पर कांग्रेस कभी जीती ही नहीं थी। हरीश ने कहा कि बावजूद इसके वह अब तक हरिद्वार का कर्ज नहीं उतार पाए हैं।
मतलब साफ है कि हरीश वर्ष 2024 के आम चुनाव में हरिद्वार सीट से अपना दावा पुख्ता कर रहे हैं। वह आगे यह भी जोड़ते हैं, जिन्होंने वर्ष 2016 में उनकी सरकार गिराने का काम किया, उन्हें ऐसे ही खुला मैदान नहीं दे सकते। इशारा पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की ओर था। डॉ. हरक भी हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं और हरीश उन्हें वॉकओवर देने के कतई मूड में नहीं हैं।