
ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सदन के सीएम पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी अपनी-अपनी परीक्षाओं से गुजरेंगे। इस बार करीब आठ महीने बाद सत्र हो रहा है। इस अवधि में तीनों दिग्गजों ने अपने-अपने किस्म की राजकाज से लेकर सियासी उलटबासी देखी हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने उनकी सरकार को विपक्ष के हमले से बचाने की चुनौती है। उन्हें रोजगार, भर्ती घोटाला और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर न सिर्फ विपक्ष के प्रश्नों के उत्तर देने हैं बल्कि विपक्षी हमलों का नाकाम करने का दबाव भी उन पर रहेगा। विपक्ष ने उनकी घेराबंदी के लिए जो चक्रव्यूह तैयार किया है।
सदन में विपक्ष की रणनीति की कमान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के हाथों में होगी। सियासी जानकारों का मानना है कि विपक्ष के पास मुद्दों की कोई कमी नहीं है। लोकसेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा घोटाला, रोजगार, देहरादून लाठीचार्ज, कानून व्यवस्था का मुद्दा है। आर्य के सामने एक प्रमुख चुनौती अपने कुनबे को एकजुट रखने की भी होगी। सदन के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा मोर्चा लेंगे। उनके नेतृत्व कांग्रेसी सत्र के पहले दिन सोमवार को गैरसैंण कूच करेंगे।