उत्तराखंड

लगातार बढ़ती जा रही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं, एक साल में सामने आए 428 मामले, 80 लोग मारे गए

प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी तक वन्यजीवों की ओर से मानव पर हमले के कुल 428 मामले सामने आए हैं। वन्यजीवों की ओर से किए गए हमलों में 80 लोगों की मौत हुई है, जबकि 348 लोग घायल हुए हैं।

हिमालयी राज्य उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। राज्य वन विभाग की भारी भरकम मशीनरी इस अति गंभीर समस्या के आगे असहाय नजर आ रही है। वन्यजीवों से मानव जीवन खतरे में पड़ जाने के कारण पहाड़ों से पलायन भी बढ़ता जा रहा है और गांव निरंतर खाली होते जा रहे हैं। जिन गावों में थोड़े बहुत लोग टिके हुए भी हैं, उनका जीवन गुलदार, भालू, बंदर एवं सूअर जैसे वन्य जीवों ने संकट में डाल दिया है।

प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग के स्तर पर किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। विधानसभा में वन मंत्री सुबोध उनियाल की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। एक साल में 80 लोगों की मौत और 348 लोगों का घायल होना एक बड़ा आंकड़ा है।

बीते दिनों राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस आंकड़े को कम करने के लिए उत्तराखंड मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना की बात कही गई थी, लेकिन अभी बात आगे नहीं बढ़ पाई है। बजट की कमी भी मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने में आड़े आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button