नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रेस वार्ता कर बजट सत्र को लेकर सरकार पर जुबानी हमला की हैं। इस दौरान कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, ममता राकेश, अनुपमा रावत सहित कई विधायक भी मौजूद रहे। यशपाल आर्या ने कहा हैं कि कार्यमंत्रा समिति में 5 दिन का बजट सत्र तय हुए था, लेकिन समय से पहले ही सत्र को समाप्त कर दिया जाता है। सत्र के दौरान नियमों की अनदेखी की गई।सरकार नही चाहती की प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर विपक्ष अपनी आवाज बुलंद कर सके।पूर्व बजट में सरकार द्वारा जो धनराशि विभागों की दी गई उसका केवल 40% ही खर्च हो पाया जोकि अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है- सरकार को विकास कार्यों से कोई सर्वोकार नही है।आज प्रदेश में नौकरीशाही पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी हैराज्य में आय के संसाधन कैसे जुटाए जाए इसका कोई रोडमैप सरकार के पास नहीं है- विधायको का निलंबन पर आदेश चौहान का प्रस्ताव पर संज्ञान न लिया जाना साफ दर्शाता है पीठ से जो संरक्षण हमे मिलना चाहिए था वो नही मिला।
297/01 की धारा के तहत जिस भी विधायक का निलंबन किया जाता है उसका नाम बोला जाता है, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने सदन के नियमो के विपरीत करवाई की।
कार्यसंचलन में विधानसभा स्पीकर ने नियम का उल्लघंन किया।
इस वर्ष बजट में पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग सहित कई विभागों के बजट को कम कर दिया गया, तो क्यों सरकार अपनी पीठ थप थापने का काम कर रही है।
13 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले 12 मार्च कार्यमंत्रणा की बैठक में 13 और 14 मार्च का कार्य तय किया गया, लेकिन 15 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले कार्यमंत्रा की बैठक में विपक्ष को नही बुलाया जाता, जोकि नियमो के विरुद्ध है।
रिपोर्ट – विनय सूद