कोरोना काल में टूट चुके पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इस बार चारधाम यात्रा में परिवहन विभाग फिर से खड़ा करने की तैयारी में है। प्राइवेट वाहनों की अपेक्षा सार्वजनिक बसों, टैंपो, ट्रैवलर आदि से अधिक यात्रियों को चारधाम यात्रा कराने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। इसी का असर है कि रोटेशन व्यवस्था समिति में शामिल बस ऑपरेटर्स करीब 200 नई बसें लेकर आ रहे हैं। वहीं, 200 से अधिक पुरानी बसों को यात्रियों के लिए मॉडिफाई कर सुविधा युक्त बनाया जा रहा है। परिवहन निगम भी अपनी बसों में सुधार ला रहा है।
एआरटीओ मोहित कोठारी ने बताया कि कोरोना काल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को काफी नुकसान पहुंचा। बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा कराने वाली बसें बेच दी गईं। सैकड़ों बसों के संचालक टैक्स जमा नहीं कर पाए। आर्थिक तंगी के चलते कई बसों की फिटनेस को दुरुस्त नहीं रखा जा सका। नतीजतन सैकड़ों बसों को या तो कटवाना पड़ा या उन्हें बेच दिया गया।
अब चारधाम यात्रा के लिए इन प्राइवेट बसों का बेड़ा छोटा पड़ रहा है। इसे देखते हुए चारधाम यात्रा कराने वाली यातायात कंपनी, टीजीएमओयू, जीएमओयू, रूपकुंड एवं सीमांत सहकारी संघ कर्णप्रयाग, गढ़वाल मंडल कांट्रैक्ट कैरिज एसोसिएशन ऋषिकेश, दून वैली कांट्रैक्ट कैरिज एसेासिएशन देहरादून, गढ़वाल मंडल यूजर्स बीरोखाल रामनगर, गढ़वाल मंडल बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति पौड़ी से जुड़े बस ऑपरेटर्स नई बसें लेकर आ रहे हैं। इसमें परिवहन विभाग भी पूरा सहयोग कर रहा है।