आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने रद्द हुई भर्तियों के लिए मार्च-अप्रैल में दोबारा परीक्षा की घोषणा करते हुए इसका कैलेंडर जारी करने की बात की थी, लेकिन अभी तक जारी नहीं हो पाया। वहीं आयोग में सरकार ने नया परीक्षा नियंत्रक तैनात तो कर दिया, लेकिन अभी कामकाज सुचारू नहीं हो पाया।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले के सदमे से पूरी तरह उबर नहीं पाया है। आयोग के नए अध्यक्ष जिस हिसाब से योजनाएं बना रहे हैं, वह अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी की वजह से परवान नहीं चढ़ पा रही है। स्नातक स्तरीय परीक्षा के बाद सचिवालय रक्षक परीक्षा, वन दरोगा आदि परीक्षाओं में पेपर लीक होने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग निशाने पर आ गया था।
पूर्व के एक पेपर लीक मामले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव सहित कई अधिकारी सलाखों के पीछे चले गए थे। इसके बाद के अध्यक्ष एस राजू ने जहां खुद इस्तीफा दे दिया था तो सरकार ने सचिव संतोष बडोनी को पद से हटाने के बाद निलंबित कर दिया था। नए अध्यक्ष के तौर पर सरकार ने सेवानिवृत्त आईपीएस जीएस मर्तोलिया को जिम्मेदारी सौंपी। आयोग में नए परीक्षा नियंत्रक की तैनात की गई थी। व्यवस्था सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन नाकाफी नजर आ रहे हैं।
आयोग अभी तक एलटी परीक्षा के चयनितों का सत्यापन, रैंकर्स भर्ती का रिजल्ट ही जारी कर पाया है। आयोग के सचिव एसएस रावत ने 31 जनवरी को एक पत्र जारी किया था, जिसमें बताया था कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक रैंकर्स परीक्षा परिणाम के साथ ही वैयक्तिक सहायक परीक्षा के चयन की कार्रवाई की जाएगी। कनिष्ठ सहायक में टंकण परीक्षा की कमियों को दूर करने के बाद मार्च के दूसरे सप्ताह तक अभिलेख सत्यापन की बात कही गई थी।