सरकार ने जिस तेजी और पारदर्शिता के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को समूह-ग की भर्तियां थमाई थी, उस हिसाब से भर्तियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। हालात ये हैं कि जिन भर्तियों के प्रस्तावों(अधियाचन) में आयोग ने कमियां निकालकर लौटाए थे, वह लौटकर नहीं आए। समूह-ग की आखिरी भर्ती नवंबर में कनिष्ठ सहायक की निकली थी, जिसके बाद चार माह से आयोग कोई भर्ती नहीं निकाल पाया।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक होने के बाद भर्तियों का अभियान चालू रखने के लिए धामी सरकार ने समूह-ग की 18 भर्तियों की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग को सौंपी थी। आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने गंभीरता से लेते हुए इन भर्तियों का एक कैलेंडर जारी किया था। इसमें बताया गया था कि किस महीने कौन से समूह-ग की भर्ती निकाली जाएगी।
उसकी संभावित परीक्षा तिथि क्या होगी? इस बीच शासन से धड़ाधड़ भर्तियों के प्रस्ताव आयोग के पास आ गए। इनमें किसी में सेवा नियमावली की वजह से कमी थी तो किसी का सिलेबस ही तैयार नहीं था। आयोग ने कमियों के चलते कई भर्तियों के प्रस्ताव शासन को लौटा दिए थे।