पेपर लीक के सदमे से जूझ रहे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए परीक्षाएं कराना, रिजल्ट जारी करना आसान नहीं है। यहां कर्मचारियों की संख्या आधे से भी कम रह गई है। अब आयोग केवल प्रतिनियुक्ति के भरोसे है, जिसके लिए आयोग के पास काफी आवेदन आए हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक होने से पहले स्टाफ की किल्लत नहीं थी। पेपर छापने वाली कंपनी के कर्मचारियों के अलावा आयोग ने परीक्षा आदि के कार्यों में सहयोग के लिए कई ओएसडी रखे हुए थे। स्नातक स्तरीय, सचिवालय सुरक्षा संवर्ग सहित कई भर्तियों के पेपर लीक होने के बाद आयोग की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गईं।
आयोग ने सभी ओएसडी की सेवाएं समाप्त कर दी थी। वर्तमान में 62 पदों के सापेक्ष आयोग में महज 22 कर्मचारी ही सेवारत हैं। कर्मचारियों की इस किल्लत के चलते आयोग की सभी व्यवस्थाएं बुरी तरह से लड़खड़ाई हुई हैं। हालात ये हैं कि आयोग न तो रिजल्ट समय से जारी कर पा रहा है और न ही रद्द हुई भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर अभी तक जारी कर पाया है।
अब आयोग ने विभिन्न विभागों से प्रतिनियुक्ति के आधार पर कर्मचारी मांगे थे। इसके लिए काफी आवेदन आए हैं। आयोग के अधिकारी इन आवेदनों की छंटनी कर रहे हैं, जिसके बाद प्रतिनियुक्ति पर 20 से ज्यादा कर्मचारी रखे जाएंगे। आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि प्रतिनियुक्ति के लिए कर्मचारियों के काफी आवेदन आए हैं। आयोग अपनी जरूरत के हिसाब से छंटनी करके कर्मचारी रखेगा।