
कुलपति की नियुक्ति के लिए अर्हता स्पष्ट न होने से राजभवन ने कुछ आपत्तियों के साथ हाल ही में विधेयक बिना मंजूरी के लौटा दिया था। आपत्तियों के निपटारे के बाद सरकार इसे मंजूरी के लिए अब फिर से राजभवन भेजेगी।
उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल की ओर से नामित सदस्यों को शामिल किया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की अर्हता को भी पहले से स्पष्ट कर इसे मंजूरी के लिए फिर से राजभवन भेजा जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक, विधानसभा सत्र में या फिर अध्यादेश लाकर जो भी पहले हो उसके माध्यम से सरकार विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन भेजेगी।
इसमें विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल की ओर से चार नामित सदस्यों का जिक्र नहीं किया गया। कुलपति की नियुक्ति के लिए अर्हता स्पष्ट न होने से राजभवन ने कुछ आपत्तियों के साथ हाल ही में विधेयक बिना मंजूरी के लौटा दिया था। आपत्तियों के निपटारे के बाद सरकार इसे मंजूरी के लिए अब फिर से राजभवन भेजेगी।
राजभवन में पूर्व में भेजे विधेयक में कहा गया कि कार्यपरिषद विश्वविद्यालय की प्रमुख कार्यकारी निकाय होगी। इसमें कुलपति अध्यक्ष (पदेन सदस्य), खेल सचिव (पदेन सदस्य), खेल निदेशक (पदेन सदस्य), सचिव वित्त (पदेन सदस्य), उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव (पदेन सदस्य) और इस अधिनियम के उपबंधों के अध्याधीन पदेन सदस्य होंगे, लेकिन इसमें राज्यपाल की ओर से नामित सदस्यों का जिक्र नहीं था।
चयन समितियों की सिफारिश पर अध्यापकों, अधिकारियों एवं समकक्ष कर्मचारियों की नियुक्ति करना।
– विश्वविद्यालय के तहत संबद्धता के मामले देखना।
– डिग्री, डिप्लोमा, पुरस्कारों से संबंधित सभी मामले देखना।
– राज्य व केंद्र सरकार को शैक्षणिक के साथ शिक्षणेत्तर पदों को सृजित करने के लिए सिफारिश करना।
खेल विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में नामित सदस्यों एवं वीसी की नियुक्ति को लेकर अर्हता के मसले पर राजभवन से विधेयक लौटाया गया है। इसे फिर से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।