देहरादून के क्लेमेंट टाउन थाना क्षेत्र में एक युवक की नशा मुक्ति केंद्र में मौत का मामला सामने आया है_ यही नहीं नशा मुक्ति केंद्र में हुई युवक की संदिग्ध मौत के बाद नशा मुक्ति केंद्र संचालकों ने युवक को उसके घर पर फेंक दिया परिजनों का आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों ने युवक के साथ मारपीट की है जिसके बाद उसकी मौत हुई है_
देहरादून में अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है क्लेमेंट टाउन थाना क्षेत्र के चंद्रबनी में चलाए जा रहे न्यू आराध्य नशा मुक्ति केंद्र में कुछ दिन पहले एक युवक को नशे की लत छुड़ाने के लिए भर्ती कराया गया था लेकिन सोमवार रात नशा मुक्ति केंद्र के संचालक युवक को उसके घर पर फेंक कर चले गए परिजनों ने युवक को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी_ युवक की मौत की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस ने सबको पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से बात की लेकिन परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए देने से इंकार कर दिया और शव को कमरे में बंद करके करना रोड पर जाम लगा दिया_ घंटों की मशक्कत के बाद मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी सिटी में परिजनों को समझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा एसपी सिटी ने कहा कि इस मामले में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी_ जिस नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत हुई है वह देहरादून के चंद्रबनी क्षेत्र में नियमों को ताक पर एक दो मंजिला भवन की पहली मंजिल पर चलाया जा रहा था_ हैरानी की बात यह है कि जिस भवन में पहली मंजिल पर नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा था उसके ग्राउंड फ्लोर पर एक स्कूल भी संचालित किया जाता है यह स्कूल प्ले ग्रुप से कक्षा 5 तक संचालित होता है_ गनीमत यह रही कि अब तक स्कूल में किसी भी बच्चे के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर स्कूल पहले था तो पहली मंजिल पर नशा मुक्ति केंद्र बनाने की परमिशन मिली तो कैसे जबकि अगर नशा मुक्ति केंद्र पहले से चलाया जा रहा था तो ऐसे में स्कूल की परमिशन कैसे दी गई__
रिपोर्ट – विनय सूद