उत्तराखंड

देहरादून :- चिंताजनक…राजधानी में केवल 6% बचे हरियाली वाले इलाके,

प्राधिकरण नए मास्टरप्लान लागू होने के बाद ऐसे भवनों को चिन्हित करेगा, जो पार्क, बगीचे या ग्रीन बेल्ट में बना दिए गए हैं।

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम आधारित दून का मास्टर प्लान सार्वजनिक कर दिया है। इसमें री-क्रियेशन (हरियाली) के लिए शहर के कुल विकसित क्षेत्र का 5.98 फीसदी स्थान चिन्हित किया गया है। यानि, पार्क, बाग, बगीचे और हरियाली के लिए कुल क्षेत्र का करीब छह फीसदी स्थान चिन्हित हुआ जबकि एक अच्छे शहर में यह पैमाना 18 फीसदी है। अब प्राधिकरण नए मास्टरप्लान लागू होने के बाद ऐसे भवनों को चिन्हित करेगा, जो पार्क, बगीचे या ग्रीन बेल्ट में बना दिए गए हैं।

इन पर जुर्माना लगाया जाएगा। नए मास्टर प्लान के अनुसार, शहर में कुल विकसित क्षेत्र 17916 हेक्टेयर है जबकि हरियाली के लिए चिन्हित किया गया क्षेत्र महज 1071 हेक्टेयर है। मानक के अनुसार, यह विकसित क्षेत्र का 18 प्रतिशत अर्थात 3224 हेक्टयर होना चाहिए। इस क्षेत्र में बाग-बगीचे, नर्सरी, खुला स्थान और पार्क शामिल होने चाहिए। लेकिन, पिछले एक दशक में यहां हरियाली का जमकर गला घोंटा गया। पार्कों की जमीनों पर भवन बना दिए गए। पेड़ों को काटकर कंक्रीट के जंगल खड़े होते गए। इस तरह पिछले दस साल में हरियाली के लिए चिन्हित 2152 हेक्टेयर जगह गायब हो गई।

अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए प्रस्ताव
2041 तक महानगर में सभी को छत दिलाने की चुनौती होगी। सभी के लिए भूखंड मिलना बेहद कठिन होगा। इस स्थिति को देखते हुए एमडीडीए ने अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए अलग से क्षेत्र चिन्हित किया है। इसमें सस्ते आवास, प्रधानमंत्री आवास, मलिन बस्ती को शामिल किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button