
शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया शुरू होते ही इससे बचने और चहेते शिक्षकों की मनचाही जगहों पर तैनाती का खेल भी शुरू हो गया है। यही वजह है कि तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों की सूची तैयार करने से पहले विभाग के ई पोर्टल पर न सिर्फ मृतक और सेवानिवृत्त शिक्षकों के नाम सामने आ रहे हैं, बल्कि खाली पदों को भी छिपाया जा रहा है।
शिक्षा निदेशक वंदना गर्ब्याल ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा कि तबादलों को लेकर शिक्षको और कर्मचारियों के संबंध में ई पोर्टल पर अधूरी और गलत सूचना दर्ज किया जाना तबादला एक्ट का उल्लंघन है। प्रदेश में शिक्षकों और कर्मचारियों के पारदर्शी तबादलों के लिए तबादला एक्ट बना है, लेकिन मात्र 10 से 15 प्रतिशत तबादलों की बाध्यता के चलते तबादलों में खेल हो रहा है।
स्कूल प्रिंसिपलों के मुताबिक हर साल तबादलों से पहले पात्र शिक्षकों की सूची जारी की जाती है, इसके बावजूद तबादला सूची में कई बार सेवानिवृत्त और मृतक शिक्षकों के नाम शामिल होते हैं। तबादला सूची में मृतक और सेवानिवृत्त शिक्षकों के नाम आने से होता यह है कि 15 से 20 साल से सुगम स्कूलों में जमें कुछ शिक्षक अनिवार्य तबादलों से बच जाते हैं।