उत्तराखंड सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2023-24 में अनिवार्य तबादलों की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। जिससे इस सत्र में 30 हजार से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों के तबादले होने की संभावना है।
वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधानों में ढील देते हुए गंभीर रूप से बीमार लोकसेवकों के लिए कुछ छूट भी दी गई है। गंभीर रूप से विकलांगता व जिनके बच्चे मानसिक रोगी हैं या सेवारत पति-पत्नी जिनकी इकलौती संतान विकलांग है, के मामलों में अनुरोध के आधार पर 15 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाकर भी तबादले हो सकेंगे। इंजीनियरिंग सेवा में अधिशासी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित किया जा सकेगा। लेकिन उन्हें अपने गृह सर्किल व खंड में तैनाती नहीं मिलेगी।
उच्च शिक्षा व विद्यालीय विभाग में शैक्षणिक सत्र के मध्य में स्वास्थ्य कारणों व छात्रों को अनवरत शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से तबादलों में छूट प्रदान की गई है। बुधवार को अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में अलग अलग शासनादेश जारी किए। संवर्ग परिवर्तन या संवर्ग से बाहर स्थानांतरण के उन मामलों को धारा-27 के तहत गठित समिति के समक्ष नहीं लाए जा सकेंगे, जिनका तबादला अधिनियम में प्रावधान नहीं है।