उत्तराखंड

Uttarakhand: महंगी बिजली खरीद पर उपभोक्ताओं से नहीं होगी वसूली, नियामक आयोग ने खारिज की UPCL की याचिका

बाजार से महंगी बिजली खरीदने पर उसकी भरपाई हर महीने उपभोक्ता के बिल से करने की यूपीसीएल की याचिका बुधवार को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई के बाद खारिज कर दी। इसके लिए विनियमों में बदलाव का प्रस्ताव अब नए सिरे से सचिव नियामक आयोग देंगे। उस पर निर्णय लेने के बाद आयोग जनसुझाव भी लेगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर 2022 को नियम जारी किए थे। इन नियमों का हवाला देते हुए यूपीसीएल ने नियामक आयोग में एक याचिका दायर की थी। इससे पहले तक यूपीसीएल सालभर में उपभोक्ताओं से केवल थर्मल प्लांट की बिजली में होने वाले अतिरिक्त खर्च को फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (एफसीए) के तौर पर वसूलता था। यह राशि हर तिमाही वसूली जाती थी, जिसे माहवार करने के लिए पूर्व में एक याचिका यूपीसीएल ने दायर की थी।

नियामक आयोग ने इस याचिका पर जनता के सुझाव लेने के बाद मंगलवार को जनसुनवाई की। आयोग में आए उपभोक्ताओं का कहना था कि अप्रैल में ही बिजली के दाम बढ़े हैं। उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए यह नियम गलत हैं। वहीं, उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भी इसका खुलकर विरोध किया। आखिरकार नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की खंडपीठ ने यूपीसीएल की याचिका को खारिज कर दिया।

आयोग ने निर्देश दिए हैं कि अब विनियमों में बदलाव के इस मामले में नियामक आयोग के सचिव के स्तर से एक प्रस्ताव आयोग के समक्ष रखा जाएगा। वह बताएंगे कि क्या विनियमों में बदलाव हो सकता है। इस प्रस्ताव पर आयोग निर्णय लेगा। अगर आयोग ने प्रस्ताव स्वीकार किया तो नए सिरे से जनता से सुझाव मांगने के बाद आयोग फैसला करेगा।

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