
जमीनों के दस्तावेजों में हेराफेरी और फाइल बदलने के मामलों में देहरादून, ऋषिकेश और विकासनगर तहसील में रिकाॅर्ड रूम को सील करने के अगले ही दिन सुरक्षाकर्मियों को भी बदल दिया गया। तीनों तहसीलों के रिकाॅर्ड रूम सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिए गए हैं। अब जांच पूरी होने तक जमीनों के दस्तावेजों के लिए जिल्द का प्रयोग कर पाना संभव नहीं होगा, जमीन के ऑनलाइन दस्तावेजों का ही प्रयोग करना होगा। जिला प्रशासन का कहना है कि वर्ष 2010 तक के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। किसी भी भूमि स्वामी को कोई समस्या नहीं होगी।
दरअसल दस्तावेजों में धांधली के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच की घोषणा की गई है। एसआईटी गठित करने के आदेश हो गए हैं, लेकिन अभी अस्तित्व में नहीं आई है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस जांच में सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पूर्व में तैनात रहे कई अधिकारी और कर्मचारी रडार पर आ गए हैं।
पूर्व में तैनात रहे कर्मचारियों की जुटाई जा रही जानकारी
इससे पहले डीएम सोनिका के आदेश पर सोमवार को देहरादून, विकासनगर और ऋषिकेश में स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पुराने दस्तावेजों को सील कराया गया था। तीनों सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में पूर्व में तैनात रहे लिपिकों और सब रजिस्ट्रारों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। हालांकि, इससे नए बैनामों के कार्य पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। मंगलवार को तीनों तहसीलों में सामान्य प्रक्रिया से जमीनों के बैनामे होते रहे। रिकाॅर्ड सील होने के बाद कार्यालय में तैनात कर्मचारियों में हलचल मची रही। कर्मचारी और रजिस्ट्रार कार्यालय से जुड़े अन्य लोग इस मामले को लेकर दबी जुबान से तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे।
ऋषिकेश में लंबे समय तक रहे दो उपनिबंधक
राज्य गठन के बाद ऋषिकेश के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दो उपनिबंधक सबसे लंबे समय तक तैनात रहे। इनमें एक उपनिबंधक का कार्यकाल नौ वर्ष और एक महिला अधिकारी का कार्यकाल छह वर्ष का रहा। कई अन्य कर्मचारी भी यहां वर्षो से जमे हुए हैं।
सब रजिस्ट्रार कार्यालय का पुराना रिकाॅर्ड सील कर दिया गया है। बाकी काम चल रहा है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। – सौरभ असवाल, एसडीएम ऋषिकेश।
सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में रिकाॅर्ड सील करने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है, प्रशासनिक और पुलिस जांच जारी है। सोनिका, डीएम, देहरादून