उत्तराखंड में अंग तस्करी रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों की स्वेच्छा से होने वाले अंग प्रत्यारोपण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने छह विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति का गठन किया है।
शासन की अनुमति के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने भी इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। अंग प्रत्यारोपण का मामला समिति के समक्ष रखा जाएगा। समिति की राय के बाद ही ब्रेन डेड मरीज के अंगों का प्रत्यारोपण हो पाएगा। ब्रेन डेड मरीज के अंगों का प्रत्यारोपण करने के लिए गठित कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के दो विशेषज्ञ डॉक्टरों को नामित किया गया है।
दून मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जन और कोरोनेशन जिला अस्पताल से आईसीयू विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं, जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से चार विशेषज्ञ डॉक्टरों को कमेटी में नामित किया गया है। विशेषज्ञ कमेटी गठित होने के बाद अस्पतालों को ब्रेन डेड मरीज के अंगों का प्रत्यारोपण करने से पहले अनुमति लेनी होगी।
समिति की राय पर ही अस्पताल अंगों का प्रत्यारोपण कर सकेंगे। कई लोग जीवित रहते ही देह और अंगदान का शपथपत्र भरते हैं। ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों की सहमति पर अंग प्रत्यारोपण किया जाता है। अस्पतालों में ब्रेन डेड मरीज के अंग प्रत्यारोपण का कोई मामला सामने आता है तो पहले एक्सपर्ट कमेटी के सामने इसे पेश किया जाएगा।
परिजनों की स्वेच्छा जताने पर कमेटी राय देगी। इसके बाद अंग प्रत्यारोपण किया जा सकेगा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह का कहना है कि शासन की अनुमति के बाद ब्रेन डेड मरीजों के अंगों के प्रत्यारोपण के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया गया। इसमें चार विशेषज्ञ डॉक्टर निजी अस्पतालों के नामित हैं।