उत्तराखंड

 गौचर और जोशीमठ के बीच ही होगा प्रभावितों का स्थायी पुनर्वास,

जोशीमठ के भू-धंसाव प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। प्रभावितों को गौचर और जोशीमठ के बीच तय भूमि पर ही शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए 40 से 50 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है। यह जमीन कहां चिन्हित की गई है, शासन ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है।

जोशीमठ में भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग और सुनील वार्ड में 863 भवनों में दरारें आईं हैं। इनमें से 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। जिला प्रशासन ने असुरक्षित क्षेत्र के 253 परिवारों के 920 सदस्यों को अस्थायी शिविरों में विस्थापित किया है।

इनमें से कितने परिवारों को नई जगह पर पुनर्वासित किया जाएगा, इसका स्पष्ट खाका अभी तैयार नहीं है। तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि कितने भवन ऐसे हैं जो रहने के लिहाज से पूरी तरह असुरक्षित हैं और कितने भवनों की मरम्मत की जा सकती है।

इधर, पीड़ित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए पहले जिला प्रशासन ने गौचर, पीपलकोटी, कोटी फार्म, जड़ी-बूटी शोधा संस्थान की भूमि और ढाक गांव में स्थित भूमि का विकल्प सुझाया था। अलग-अलग कारणों से इन विकल्पों पर एक राय नहीं बन पाई।

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