उत्तराखंड

मरम्मत के दौरान आग का गोला बनी दो बसें, रात में आग लगती तो कई बसें होती खाक

आरएसबीटी परिसर में पानी की टंकी के पास एक मिस्त्री बिना चेसिस की एक कबाड़ बस की बॉडी पर वेल्डिंग कर रहा था। इसी दौरान चिंगारी से बस की सीट ने आग पकड़ ली।

आईएसबीटी परिसर में खड़ीं दो कबाड़ बसाें की बाॅडी में सोमवार को आग लग गई। इस दौरान वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। गनीमत रहीं कि आग परिसर में खड़ीं अन्य बसों तक नहीं पहुंची और आग लगते ही वहां खड़े अन्य वाहनों को तुरंत हटा लिया गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। फायर ब्रिगेड ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक दोनों बसों की बॉडी पूरी तरह जल कर राख हो गई थी।

घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है। जानकारी के मुताबिक आरएसबीटी परिसर में पानी की टंकी के पास एक मिस्त्री बिना चेसिस की एक कबाड़ बस की बॉडी पर वेल्डिंग कर रहा था। इसी दौरान चिंगारी से बस की सीट ने आग पकड़ ली। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुरुआत में हल्की आग लगी थी, जिसे मिस्त्री ने खुद ही बुझा दिया था और फिर खाना खाने चला गा था।

फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया
इसी बीच तेज हवा चलने पर दोबारा आग भड़क गई और बस से बड़ी-बड़ी लपटें उठने लगीं। आग बुझाने के लिए आसपास के दुकानदार और अन्य लोग पानी से भरी बाल्टी लेकर वहां पहुंचे, लेकिन तब तक आग बेकाबू हो चुकी थी। देखते ही देखते पास में खड़ी बिना चेसिस की दूसरी बस की बाॅडी में भी आग लग गई।

इस बीच लोगों ने फायर बिग्रेड को फोन किया। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग लगने की घटना के बाद पास में खड़ी अन्य बसाें और ट्रकों को उनके मालिकों ने तुरंत दूसरी जगह शिफ्ट किया। गनीमत रहीं कि आईएसबीटी परिसर में सवारियों से भरी बसें आग की चपेट में नहीं आई।

तीन साल से पहले हुआ हादसा आया याद

आईएसबीटी में पेंटर का काम करने वाले सुरेंद्र और बस मालिक सुरेश चौहान ने बताया कि यदि रात में आग लगती तो कई बसें इसकी चपेट में आतीं। करीब तीन साल से पहले रात के समय आईएसबीटी में पार्किंग में खड़ी एक बस की वायरिंग में शार्ट सर्किट हो गया था। इस हादसे में छह बसें जलकर खाक हो गई थी।

आईएसबीटी में बिना चेसिस की दो बसों की बाॅडी में आग लग गई थी। सूचना के तुरंत बाद फायर बिग्रेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। – बीरबल, अग्निशमन अधिकारी ऋषिकेश

 

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