
स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए डाक विभाग की ओर से प्रदेश भर में 16 नए डाकघर निर्यात केंद्र (डीएनके) खोले जाएंगे। इससे लोगों को विदेश सामान भेजने के लिए कस्टम क्लीयरेंस के लिए दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में यह सुविधा सिर्फ गोपेश्वर और रुड़की के डाकघर में मिल रही है।
इस संबंध में डाक विभाग की ओर से रुड़की स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के सभागार में निर्यातक और उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। डाक विभाग के निदेशक (डाक सेवाएं) अनसूया प्रसाद चमोला ने बताया, इस सेवा के तहत ट्रैकिंग, अग्रिम जमा और फ्री पिकअप सुविधा के साथ पार्सल गुम होने या क्षति होने पर क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान है। बताया, विदेशी डाकघर सीमा शुल्क विभाग से जुड़े हुए हैं, जो उत्पादों की कस्टम क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल करते हैं।
उन्होंने बताया, सीमा शुल्क के साथ कोई समस्या होने पर उस मामले को ऑनलाइन सुलझाया जाता है। कारोबारी उसे ऑनलाइन देखकर उसका समाधान कर सकते हैं। कोई भी इच्छुक निर्यातक डीएनके की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसमें निर्यात से संबंधित सभी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं। बताया, बाकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्यात किए जाने से पहले सामान को दिल्ली में भारतीय डाक के विदेशी डाकघर (एफपीओ) में ले जाया जाता है।
इस प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति को किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती और वह पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन निगरानी कर सकता है। वहीं, घंटाघर स्थित मुख्य डाकघर में जल्द ही इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर (आईबीसी) खोला जाएगा।
गोपेश्वर के बजाय रुड़की में ज्यादा बुकिंग
गोपेश्वर के बजाय रुड़की के डीएनके में अधिक बुकिंग आती हैं। ऐसे में प्रदेश के सभी 13 जिलों में 13 डीएनके स्थापित किए जाएंगे। जबकि, हरिद्वार, देहरादून जैसे बड़े जिलों में दो-दो डीएनके स्थापित किए जाएंगे। डाक अधिकारियों का कहना, यह परियोजना छोटे व्यवसायों के लिए एक सशक्त माध्यम बनेगा।