शहर की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के निदेशकों पर महिला को फ्लैट बेचने के नाम पर 1.51 करोड़ रुपये ठगने का आरोप लगा है। कंपनी ने दो फ्लैट बेचने के लिए महिला और उनके पति के नाम से बैंक से लोन कराया और इसे अपने खाते में जमा करा लिया। इसके बाद निर्माण पूरा होने पर फ्लैट की रजिस्ट्री करने की बात कही लेकिन बाद में मुकर गए। इस मामले में चार निदेशकों, एक एजेंट और कुछ अज्ञात बैंक कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसओ राजपुर जितेंद्र चौहान ने बताया कि मामले में नेहा रतूड़ी निवासी नथुवावाला ने पुलिस को शिकायत की है। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात गौरव आहूजा निवासी विजयपार्क एक्सटेंशन से हुई थी। गौरव ने कहा था कि उनके परिचित बिल्डर मसूरी रोड पर एक लग्जरी अपार्टमेंट बना रहे हैं। इसमें यदि निवेश किया जाए तो भविष्य के लिए फायदा होगा। इसके लिए उसने एसए बिल्डटेक के निदेशक प्रेमदत्त शर्मा, सुनीता शर्मा, आराधना शर्मा और अरुण सैगन ने मुलाकात कराई। उन्होंने इस प्रोजेक्ट का नाम आर्टिगो रेजीडेंसी बताया। वह जमीन पर लेकर भी गए। वहां पर निर्माण चल रहा था।
प्लानिंग को देखते हुए रतूड़ी दंपती ने उनसे एक तीन बीएचके और एक दो बीएचके फ्लैट का सौदा कर लिया। यह सौदा कुल 1.81 करोड़ रुपये में हुआ। निदेशकों ने रतूड़ी से कहा कि वह आईसीआईसीआई बैंक से फ्लैट के लिए लोन करा देंगे। जब तक निर्माण पूरा नहीं हो जाता तब तक इस लोन की किश्तें भी कंपनी ही भरेगी। इस बात पर विश्वास कर रतूड़ी दंपती ने उन्हें दस्तावेज दे दिए। इनके आधार पर एसए बिल्डटेक के निदेशकों ने उनका 1.51 करोड़ रुपये का लोन करा दिया। कुछ दिनों तक उन्होंने बैंक में किश्तें जमा कीं लेकिन बाद में बंद कर दी गईं।
इस पर उन्होंने फ्लैट की रजिस्ट्री करने को कहा तो आरोपी मुकर गए। उन्होंने गौरव आहूजा से भी बात की लेकिन वह कोई वाजिब जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि जिस जगह पर आर्टिगो रेजीडेंसी बन रही थी उसके मालिक और एसए बिल्डटेक के निदेशकों में विवाद हो गया है। निदेशकों ने अपना अनुबंध रद्द कर दिया था। ऐसे में निदेशकों को रजिस्ट्री करने का अधिकार ही नहीं है। नेहा रतूड़ी ने पुलिस को बताया कि अब तक उनके पति लोन के 35 लाख रुपये भर चुके हैं। एसओ के अनुसार एसए बिल्डटेक के निदेशकों समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।