
मंडी के व्यापारी फुरकान ने बताया, भूस्खलन के चलते रास्ते और सड़क बंद होने से चकराता, त्यूणी, थत्यूड़ समेत कई पहाड़ी इलाकों से टमाटर की फसल देहरादून नहीं पहुंच पा रही है।
टमाटर की कीमत कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीते एक सप्ताह से लगातार बारिश के चलते उत्तराखंड में कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं। बाहर से टमाटर आ नहीं रहा है और पहाड़ से आवक आधी रह गई है। इसके चलते दाम आसमान पर हैं।
मंडी के व्यापारी फुरकान ने बताया, भूस्खलन के चलते रास्ते और सड़क बंद होने से चकराता, त्यूणी, थत्यूड़ समेत कई पहाड़ी इलाकों से टमाटर की फसल देहरादून नहीं पहुंच पा रही है। इसलिए रेट और बढ़े हैं। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया, बृहस्पतिवार को सिर्फ 441 क्विंटल टमाटर मंडी पहुंचा जबकि बुधवार को एक हजार क्विंटल से अधिक की आवक हुई थी। थोक में टमाटर 100 से 120 प्रति किलो बिका और फुटकर में 200 से 250 रुपये प्रति किलो तक दाम रहा। वहीं, मंडी में लगाए गए सस्ते काउंटर पर 50 से 80 रुपये प्रति किलो टमाटर मिला।
किसान भी मौके का फायदा उठाकर कच्चे टमाटर ही बेचने में जुटे हैं। मंडी में आए किसान विकास नेगी ने बताया, अभी टमाटर के बढ़ते दामों के चलते कच्चे टमाटर के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। इसके चलते लगभग सभी किसान कच्चे टमाटर बेच रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि आने वाले दिनों में टमाटर की कीमत सामान्य होने के बाद इतने दाम नहीं मिल पाएंगे।
दाम बढ़ने से बाजार में टमाटर से बने उत्पाद भी कम दिखने लगे हैं। धामावाला के व्यापारी रमेश गुप्ता ने बताया, जब से टमाटर के दाम बढ़े हैं, सॉस की आवक भी कम हो गई है। हालांकि, अभी कीमतों पर खास असर नहीं पड़ा है। लेकिन, टमाटर के दाम कुछ दिन और ऐसे ही बढ़े रहे तो आने वाले दिनों में सॉस के दाम भी बढ़ सकते हैं।
टमाटर के अलावा बारिश के कारण अन्य सब्जियों के रेट में आसमान छू रहे हैं। फुटकर में लौकी तक 80 रुपये किलो बिक रही है। शिमला 120, बींस 120, गोभी 120 और तोरी भी करीब 80 रुपये प्रति किलो बिक रही है। ऐसे में लोगों के लिए 120 रुपये किलो मशरूम, 400 रुपये किलो पनीर और 100 रुपये किलो फ्रोजन मटर फायदे का सौदा है।