अगर शासन की नीतियों की बात की जाए तो सरकारी उपक्रम होते हुए प्रदेश के अधिकांश निगम और प्राधिकरण अधिकारियों और कर्मचारियों की गंभीर समस्या से ग्रस्त है! लेकिन इस समस्या के हल को शासन स्तर से नई भर्तियों के द्वार खोलने को कोई शासनादेश नहीं जारी किया गया है! जबकि इन निगम और प्राधिकरण में सेवा निर्मित चाहते कर्मचारियों; कार्यों की पूर्न नियुक्ति का सिलसिला बदस्तूर जारी है ऐसे आज चर्चा को अनुसूचित जनजाति अधिकारी कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान ने सार्वजनिक तौर पर रूबरू होकर व्यापक चर्चा की पेश है रिपोर्ट।
रिपोर्टर–बीके श्रीवास्तव
कैमरामैन–मयंक यादव