मामला प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के वायरल वीडियो के बाद से शुरू हुआ। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता गरिमा ने अपनी ही पार्टी के महामंत्री राजेंद्र शाह पर गंभीर आरोप लगा दिए।
प्रदेश कांग्रेस में बड़े नेताओं के बीच धींगामुश्ती आम बात है, लेकिन इस बार मोर्चा प्रदेश पदाधिकारियों ने संभाला है। प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने महामंत्री राजेंद्र शाह पर पार्टी में अराजकता फैलाने, अनुशासनहीनता जैसे आरोप लगाए हैं। वहीं, सबूतों के साथ शाह के कारनामों को सामने लाने का दावा किया है। दूसरी तरफ शाह ने कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करती हैं तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
मामला प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के वायरल वीडियो के बाद से शुरू हुआ। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता गरिमा ने अपनी ही पार्टी के महामंत्री राजेंद्र शाह पर गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने कहा कि शाह ने हमेशा प्रदेश अध्यक्षों के नाक में दम मचाकर रखा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल के कार्यकाल में शाह ने कई बार अनुशासनहीनता की, उन्हें कभी चैन से काम नहीं करने दिया।
अब उनकी ओर से करन माहरा को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि शाह कई बार कार्यकर्ताओं के गुस्से का शिकार बने हैं। गरिमा ने कहा कि शाह अपनी बदजुबानी और बड़बोलेपन के लिए जाने जाते हैं। शाह के दिल्ली के जंतर-मंतर के काले कारनामे भी उनके पास पहुंचने वाले हैं, शीघ्र ही वह सबूतों के साथ सबके सामने रखेंगी।
इधर, राजेंद्र शाह ने भी पलटवार करते हुए गरिमा को स्वयंभू प्रवक्ता करार दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान दिल्ली जंतर-मंतर पर छह साल धरना दिया। इस दौरान कई संगठनों ने वहां आंदोलन किया।
गारिमा ने उनका ही नहीं सभी संगठनों और आंदोलकारियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अगर किसी को कोई पद दिया है तो उसे उस पद का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो बातें गरिमा ने उनके बारे में कहीं है, यदि वह साबित नहीं करती हैं तो वह उनके खिलाफ कोर्ट जाकर मानहानि का दावा पेश करेंगे।